01 Nov 2025
अपराजिता कुमारी

अपराजिता कुमारी

अपराजिता कुमारी ने प्रधान शिक्षिका के रूप में योगदान किया और विद्यालय की दयनीय स्थिति को देखकर उन्होंने बदलाव लाने का निर्णय लिया। विद्यालय में एक भी बच्चा स्कूल ड्रेस में नहीं आता था, न कोई रूटीन था, न ही टाइम टेबल, और घंटी भी चोरी हो गई थी। अपराजिता कुमारी ने इन चुनौतियों का सामना करने का निर्णय लिया और विद्यालय को सुधारने के लिए काम करना शुरू किया। उन्होंने सर्वप्रथम विद्यालय में साधारण सी सबसे जरूरी चीजें जैसे घड़ी, घंटी, ब्लैकबोर्ड आदि आधारभूत आवश्यक सामग्री मंगवाई। 

विद्यालय के गणवेश में बच्चों को आने के लिए उन्होंने नवाचार का प्रयोग किया। एक बच्ची ने जब अपने पुराने थोड़े से फटे स्कूल ड्रेस को पहनकर आई तो उस बच्ची की तस्वीर मोबाइल से खींचकर प्रिंट करवा कर दीवार पर उसके नाम के साथ लगाई। ऐसा देखकर अपनी तस्वीर और नाम दीवार पर देखने की ललक में और बच्चे एक-एक कर स्कूल ड्रेस खरीदने लगे। जो भी बच्चे स्कूल ड्रेस में आते उनकी तस्वीर उनके नाम के साथ दीवार पर लगा रहीं थीं और ड्रेस में आने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही थी। अति पिछड़े समाज के बच्चों को एक नई दिशा मिल गई। अपराजिता कुमारी ने सुरक्षित शनिवार, पोषण पखवाड़ा, हाथ धुलाई, स्वच्छता अभियान जैसे आयोजन विद्यालय में प्रति दिन नई-नई गतिविधियां एवं खेल के साथ अनेक आयोजन करवाए। खाने, पीने, बैठने, उठने, बोलने तक में भी सुधार किया जा रहा है। बच्चे अब सक्रिय रूप से सभी गतिविधियों में भाग ले रहे हैं। जहां मात्र 10 से 15 बच्चे सिर्फ खाना खाने आते थे, वहां अब 35 से 40 बच्चे विद्यालय आ रहे हैं। उपस्थिति बढ़ रही है।

अपराजिता कुमारी पूर्व में गोपालगंज के रा उ म वि जिगना जगरनाथ प्रखंड हथुआ में कार्यरत थीं। वहां भी उन्होंने 10 साल में सैकड़ों नवाचार किए। वे विद्यालय आपदा प्रबंधन कार्यक्रम की राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर भी हैं। कोरोना काल में इन्हें दूरदर्शन पर देखा होगा, सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम का संचालन करते हुए। पूरे बिहार में जहां भी 'सुरक्षित शनिवार' का कार्यक्रम चलता है, वहां के बच्चे और शिक्षक इन्हें जानते हैं।

 आजकल आप इन्हें PME-VIDYA चैनल बिहार पर वर्ग 1 से 8 तक के हिंदी विषय की पाठ्य पुस्तक और वर्ग 1 से 5 तक पर्यावरण विषय ऑन स्क्रीन पढ़ाते हुए देख सकते हैं। ये कविताएं भी लिखती हैं। इनकी कविता में आपदा का विषय हो या समसामयिक विषय, इनकी कविताएं बच्चों के लिए बहुत उपयोगी हैं। इनके पढ़ाने की शैली रोचक एवं आनंददायक होने के कारण बच्चों के बीच खासी लोकप्रिय हैं। शिक्षिका अपराजिता ने बाल विवाह, बालिका शिक्षा, स्वच्छता, और पर्यावरण अभियान जैसे मुद्दों पर काम किया है, जिससे समुदाय को जागरूक किया जा सके और उन्हें इन मुद्दों पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

शिक्षिका द्वारा विद्यालय के प्रबंधन एवं प्रशासन में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख सुधार :

  • अपराजिता जी ने विद्यालय को "जन आंदोलन" का रूप देने वाली पहल की है, जैसे कि समुदाय को विद्यालय के कामकाज में शामिल करना, उन्हें विद्यालय के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना, और विद्यालय को समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने के लिए काम करने की पहल कर रही है ।
  •  विद्यालय के कक्ष का सौंदर्याकरण: तत्काल विद्यालय कक्ष को विभिन्न प्रकार के हिंदी, अंग्रेजी अक्षर चार्ट, फलों, सब्जियों, पालतू जानवरों, जंगली जानवरों, महापुरुषों, पर्यटन स्थलों, पेड़ पौधों के अंग शरीर के अंग गुड टच बैड टच आदि अनेकों जानकारीप्रद चार्ट को चारों तरफ दीवार पर लगा कर इसके माध्यम से सौंदर्याकरण किया गया है।
  • स्वच्छता: विद्यालय में स्वच्छता की व्यवस्था को मजबूत किया गया है, जिसमें जल-शौचालय, बिजली आदि को लगवाया गया है। साबुन से हाथ धोने की आदत को प्रोत्साहित किया गया।
  • बच्चों की उपस्थिति, नामांकन, ड्रेस और अनुशासन में सुधार: जब से बच्चे ड्रेस में आने लगे हैं, तो बच्चों की उपस्थिति बढ़ती जा रही है। नामांकन, ड्रेस और अनुशासन में सुधार के लिए सभी अभिभावकों से लगातार संपर्क कर रही हैं।
  • दस्तावेज़ और अभिलेखों के सुव्यवस्थित रख-रखाव की पहल: विद्यालय में दस्तावेज़ और अभिलेखों के सुव्यवस्थित रख-रखाव के लिए एक छोटा अलमारी खरीदा गया है, जिससे विद्यालय के रिकॉर्ड को आसानी से प्रबंधित किया जा सके।
  • संसाधन जुटाने और स्थानीय सहयोग की सक्रियता: संसाधनों को जुटाने में स्थानीय सहयोग की सक्रियता बढ़ी, जिससे विद्यालय को आवश्यक संसाधन प्राप्त हो सकें।
  • विद्यालय के शैक्षिक प्रदर्शन में सुधार: विद्यालय के शैक्षिक प्रदर्शन में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें शिक्षकों की क्षमता बढ़ाने, पाठ्यक्रम को अद्यतन करने, और छात्रों के लिए दिवस ज्ञान के अनुरूप अतिरिक्त गतिविधियों का आयोजन करना शामिल है।
  • विद्यालय के बुनियादी ढांचे में सुधार: विद्यालय के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें विद्यालय भवन का नवीनीकरण के लिए विभाग को लिखित आवेदन दिया गया है।
  •  शिक्षकों की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रति दिन शिक्षकों के साथ बैठक आयोजन कर अगले दिन की रूपरेखा बनाती हैं, जिससे वे अपने शिक्षण कौशल में सुधार कर सकें।
  • छात्रों के लिए अतिरिक्त गतिविधियों का आयोजन: यह किया जा है, जैसे कि खेल, संगीत, और कला आदि, जिससे वे अपने ज्ञान और कौशल में सुधार कर सकें।
  •  विद्यालय के अभिभावकों के साथ संवाद: उन्होंने विद्यालय के पोषक क्षेत्र के अभिभावकों के साथ संवाद बढ़ाया है, जिससे वे अपने बच्चों की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें और किसी भी समस्या को बिना किसी झिझक के बता सकें।
  • बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना: इन्होने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम किया है, जैसे कि बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करना।
  • स्वच्छता अभियान: शिक्षक अभिभावक संगोष्ठी के माध्यम से स्वच्छता अभियान चलाया है, जिससे समुदाय को जागरूक किया जा सके और उन्हें स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया जा सके।
  • पर्यावरण अभियान: इन्होने अभियान चलाया है, जिससे समुदाय को जागरूक किया जा सके और उन्हें पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में बताया जा सके।

विगत तीन माह के अंदर प्रधान शिक्षिका अपराजिता कुमारी के प्रयासों से विद्यालय में एक सकारात्मक परिवर्तन आया है जो यह दर्शाता है कि एक समर्पित और नवाचारी प्रधान शिक्षक कैसे विद्यालय को सुधार सकता है और बच्चों के भविष्य को आकार दे सकता है।

 


Anupama Priyardarshani

R.U.M.S DUDHAHAN RAGHUNATHPUR

Share your Comment