Abhishek Kumar (अभिषेक कुमार )
ID: 2945f1430bfd

अनुगूँज-हिंदी की

  • Gender: 👨 Male
  • Class / Role: 👩‍🏫 Teacher
  • School: 🏫 UPG MS GOPALPUR NEURA (उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोपालपुर नेउरा )
  • District & Block: 📍 MUZAFFARPUR, SARAIYA
  • Applied Category: 📝 काव्य लेखन
Selected Under: काव्य लेखन - शिक्षक निर्णायक की पसंद Marks: 21.5/25 Download Certificate
स्वरचित कविता

हिंदी की व्यथा*

 

आज हिंदी दिवस के दिन अपनी वेदना सुना रही हूं

अपने ही देश में सिमटी जा रही हूं- 2

मेरे शब्दों में स्नेह का सागर होते हुए भी- 2

मां के स्थान पर मॉम कही जा रही हू।


तुलसीदास के वाणी से निकलकर दिनकर, सुभद्रा के कलमों को मैने संवारा है

भगत सिंह ,चंद्रशेखर आजाद जैसे वीरों को दिया मैने दिया सहारा है। 

और इतिहास के हर लब्ज़ का साक्षी होते हुए भी - 2

क्यों भुलाई जा रही हूं।

आज हिंदी दिवस के दिनअपनी वेदना सुन रही हूं।


कभी क्रांति की ज्वाला मेरे नाम से जल रही थी। 

देशवासी के मन में मैं यूं ही बस रही थी।

बताओ अभिषेक मुझे मेरी खता क्या है- 2

आज अपने ही अस्तित्व की लड़ाई, चंद किताबों के सहारे लड़ रही हूं ।

आज फिर हिंदी दिवस के दिनअपनी वेदना सुना रही हू। 


*मेरा हिंदी को जवाब*


तू चिंतित ना हो जननी तेरा भी दिन आएगा।

भारत का बच्चा-बच्चा फिर हिंदी भाषा में गाएगा- 2

और वह स्वर्णिम दिन भी निकट है - 2

जब अंग्रेजी की किताब को हिंदी में पढ़ाया जाएगा -2


     अभिषेक कुमार 

   उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोपालपुर नेउरा 

जिला:- मुजफ्फरपुर

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